🕵️ प्रतिदिन टॉप 05 खबर ! 🕵️
चुनाव! जम्मू-कश्मीर के नागरिकों ने बता दिया कि लोकतंत्र में उनका भरोसा कायम है। बुधवार को विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 7 जिलों (जम्मू के 3, कश्मीर घाटी के 4) की 24 सीटों पर 61.13 प्रतिशत वोटिंग हुई। मुख्य चुनाव अधिकारी PK पॉल के मुताबिक वोटिंग का आंकड़ा रात 11:30 बजे तक का है जो बढ़ भी सकता है। हालांकि यह आंकड़ा राज्य में हुए 4 लोकसभा और 3 विस चुनावों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। इस चरण में जम्मू रीजन की 8 और कश्मीर की 16 सीटें हैं। जबकि वोटर 23 लाख से ज्यादा हैं।
बड़ी बात है कि 2008 या 2014 के विस चुनावों में जहां 0 से 5% तक वोटिंग होती थी, वहां इस बार 60 से 79% तक वोट पड़े हैं। ऐसे 15 क्षेत्र हैं। कुलगाम जिले के संगुस, कहकोटे, कोईमाह और बुगाम ऐसे हैं, जहां कभी वोट नहीं डाले गए। संगुस में 1300 में से 900, कहकोटे में 1200 में से 800 लोगों ने मतदान किया। पत्थरबाजी, आतंकवाद के गढ़ रहे शोपियां के हेफ क्षेत्र, पुलवामा के त्राल, अनंतनाग के अरवानी, राजपोरा में 60% से ज्यादा मतदान हुआ।
रायपुर! नया रायपुर स्थित ट्रिपलआईटी (IIIT) में फाइनेंशियल क्लब की शुरुआत की गई। इसे स्टूडेंट्स ही ऑपरेट करेंगे और इसका नाम रखा गया है मनी मैटर्स मनी मैटर्स क्लब स्टूडेंट्स के फाइनेंशियल लिट्रेसी और अवेयरनेस के लिए काम करेगी। साथ ही क्लब के माध्यम से ग्लोबल इकोनॉमिक ट्रेंड यानी (वैश्विक आर्थिक रुझानों) पर चर्चा को बढ़ावा देना, फाइनेंशियल सेक्टर का प्रैक्टिकल नॉलेज दिया जाएगा।
बुधवार को क्लब की शुरुआत के साथ पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इस डिस्कशन में वित्तीय सलाहकार निशांत कुमार, कॉरपोरेट इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी एक्सपर्ट देवेन्यू पाण्डेय और अर्थशास्त्री संजय कथूरिया शामिल रहे। पैनल डिस्कशन में पर्सनल फाइनेंस, स्टॉक मार्केट, म्यूचुअल फंड, एसआईपी के बारे में स्टूडेंट्स को बताया गया।
पैनल डिस्कशन के दौरान एक्सपर्ट ने कहा कि आज का यूथ वित्तीय मामलों को लेकर अवेयर है। लेकिन इन मामलों को लेकर जागरुकता के साथ शुरुआती दिनों से ही सेविंग और इन्वेस्टमेंट दोनों जरूरी है। अगर आपके पास महीने के 100 रुपए भी बचते हैं तो उसे जमा करें या फिर बाजार में इन्वेस्ट करें। यही छोटी-छोटी बचत आपको भविष्य में आर्थिक परेशानियों से बचाएगी। सेशन में आईआईएम रायपुर और आईआईटी भिलाई के स्टूडेंट्स भी शामिल हुए। एक्सपर्ट ने एक मजबूत फाइनेंशियल इको सिस्टम को बढ़ावा देने में प्रमुख संस्थानों के बीच बढ़ते पार्टिसिपेशन को भी समझाया।
नैकरी! स्पेस लॉ यानी अंतरिक्ष कानून दुनियाभर की तरह भारत में भी तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है। स्पेस एक्सप्लोरेशन, सैटेलाइट टेक्नोलॉजी और ग्लोबल स्पेस इंडस्ट्री में भारत की बढ़ती मौजूदगी के चलते इस इंडस्ट्री में जॉब्स के बड़े अवसर सामने आए हैं। अंतरिक्ष कानून अंतरराष्ट्रीय कानून की एक शाखा है जो बाहरी अंतरिक्ष में गतिविधियों को नियंत्रित करती है। इसके तहत अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग, स्पेस एक्सप्लोरेशन के रेग्युलेशन, अंतरिक्ष मलबे, सैटेलाइट यूज और निजी अंतरिक्ष उपक्रमों जैसे मुद्दों को संबोधित करती है।
मौजूदा समय में ज्यादा से ज्यादा देश और निजी कंपनियां अंतरिक्ष मिशन, उपग्रह प्रक्षेपण और यहां तक कि अंतरिक्ष पर्यटन की तरफ दिलचस्पी दिखा रही हैं। 2023 तक, वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का मूल्य लगभग $500 बिलियन रहा था। अगले 10 से 20 वर्षों में वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के 5-7% CAGR से बढ़ने की उम्मीद है। 2040 तक, अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के $1 (83 लाख करोड़ रुपए) से $1.5 ट्रिलियन (125 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंचने का अनुमान है भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के अगले दशक में 12-15% CAGR से बढ़ने की उम्मीद है, जो वैश्विक औसत से काफी तेज है। ऐसे में इस क्षेत्र में आने वाले दिनों में रोजगार के बड़े अवसरों की उम्मीद है।
अंतरिक्ष कानून में स्पेशलाइजेशन के साथ पीजी एलएलबी पूरा करने के बाद, आप पीजी प्रोग्राम्स के माध्यम से अंतरिक्ष कानून में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं
अंतरिक्ष कानून में एलएलएमः यह एक मास्टर डिग्री है, जहां आप अंतरिक्ष कानून पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं भारत और विदेशों में कुछ संस्थान इस क्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदान करते हैं।
डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स: कई संस्थान अंतरिक्ष कानून में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स प्रदान करते हैं, जिन्हें ग्रेजुएशन के बाद या एलएलबी के साथ-साथ किया जा सकता है।
बैंक! क्रेडिट कार्ड जैसे असुरक्षित कर्ज पर RBI की सख्ती असर दिखाने लगी है। इस साल जून तक बैंकों से लिए गए गोल्ड लोन 30% बढ़ गए। इसके मुकाबले असुरक्षित पर्सनल लोन की ग्रोथ 15% ही रही। इसके चलते कुल पर्सनल लोन में गोल्ड लोन की हिस्सेदारी 20 महीनों के ऊंचे स्तर 2.3% पर पहुंच गई।
इससे पहले गोल्ड लोन में सबसे ज्यादा 81.6% बढ़ोतरी 2021 में हुई थी। तब कोविड की परेशानियों से निपटने के लिए लोगों ने सोना गिरवी रखकर कर्ज लिया था। बहरहाल, जून तक सोना गिरवी रखकर बैंकों से लिए गए लोन की कुल बकाया राशि 1.24 लाख करोड़ हो गई है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में खत्म वित्त वर्ष 2023-24 में संस्थागत गोल्ड लोन का कुल मार्केट 7.1 लाख करोड़ का हो गया। पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट कहती है कि अगले 5 वर्षों में गोल्ड लोन मार्केट दोगुना होकर 14.19 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
क्रिकेट! भारत और बांग्लादेश के बीच दो टेस्ट की सीरीज गुरुवार से शुरू होगी। पहला मुकाबला चेपक स्टेडियम पर सुबह 9.30 बजे से खेला जाएगा। इस मुकाबले में भारतीय टीम 42 दिन बाद इंटरनेशनल क्रिकेट खेलती नजर आएगी। इससे पहले, टीम आखिरी बार अगस्त में श्रीलंका दौरे पर वनडे सीरीज में उतरी थी। भारत का यह मार्च 2024 के बाद पहला टेस्ट होगा। टीम आखिरी बार टेस्ट फॉर्मेट में इंग्लैंड से 5 मैचों की घरेलू सीरीज में भिड़ी थी, जहां उसे 4-1 से जीत मिली थी।
चेन्नई में जीतकर भारत जीत-हार के अंतर का अनोखा रिकॉर्ड बना सकता है। भारत ने अब तक 579 टेस्ट में से 178 जीते और इतने ही हारे हैं। अगर टीम इंडिया बांग्लादेश को हराती है तो उसकी फॉर्मेट में 179 जीत हो जाएंगी। यह पहला मौका होगा, जब उसके जीते मैचों की संख्या हार से ज्यादा होगी। फिलहाल सिर्फ ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, पाकिस्तान, अफ्रीका ही ऐसे देश हैं, जिनकी टेस्ट में जीत हारे हुए मैचों से ज्यादा है।
News Editor: Vikram Singh Rajput
Latest Update: 19, September, 2024
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